चमकी बुखार से मासूमों की मौत की ‘जिम्मेदार सरकार’ का पोस्टमार्टम है ‘रुकतापुर’

ब्रह्मानंद ठाकुर पुष्यमित्र जी की इस किताब रुकतापुर में एक रिपोर्ताज का शीर्षक है – ‘ दूध न बताशा, बौवा

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सिमुलतला कैसे बनेगा नेतरहाट का विकल्प?

ब्रह्मानंद ठाकुर नेतरहाट एक ऐसा विद्यालय जहां से IAS और IPS समेत ढेरों अफसर निकलते हैं, कभी ये विद्यालय बिहार

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‘सुशासन बाबू का फ़ैसला गांधीद्रोह से कम नहीं’

ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार सरकार के एक फैसले को लेकर पिछले दिनों अखबारों में ‘बुनियादी विद्यालयों को खत्म करने पर तुली

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खाये पिये कुछ नहीं, गिलास फोड़े बारह आना

राकेश कायस्थ अक्टूबर 2015 की बात है। बिहार के चुनावी तमाशे के बीच अचानक एक एमएमएस सामने आया। औघड़ सरीखे

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धान ‘छूट’ हे सरकार… धान ‘छूट’ हे !

पुष्यमित्र फरवरी महीना खत्म होने वाला है । राजधानी पटना में पक्ष-विपक्ष के बीच धान खरीद को लेकर रोज तू-तू, मैं-मैं जारी

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