पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, गांधी भया न कोय

ब्रह्मानंद ठाकुर गांव-घर में  आज-कल खेती-पथारी, माल-मवेशी, शादी-विवाह की चर्चा न के बराबर होती है। कारण है अभी न खेती-किसानी

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