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Tag: किसानों का प्रदर्शन

कमजोर दिल वाले न देखें.. तस्वीरें विचलित करती हैं!
मेरा गांव, मेरा देश सुन हो सरकार

कमजोर दिल वाले न देखें.. तस्वीरें विचलित करती हैं!

11/06/201815/06/2018

ये तस्वीरें बिहार के नालंदा जिले के नूर सराय की हैं। कल (10 जून 2018) जब वहां के सब्जी किसानों

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‘मांगों की फसल’ काटकर लौटेगा किसान !
मेरा गांव, मेरा देश

‘मांगों की फसल’ काटकर लौटेगा किसान !

12/03/201812/03/2018

अरुण यादव देश का अन्नदाता सड़क पर है फिर भी सरकार सो रही है । आखिर हमारी सरकारों की नींद

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    5 साल बेमिसाल

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    शामली से लोनी तक एसपी-आरएलडी की विजय यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी
    योगी के गर्मी वाले बयान पर जयंत का पलटवार
    यूपी चुनाव के सुर संग्राम में एक और गीत
    यूपी के चुनावी समर में बीजेपी का नया सुर संग्राम
    यूपी चुनाव में सुर संग्राम...समाजवादी पार्टी पिछले दिनों जारी गाना आप भी सुनिए
    गौतम बुद्धनगर में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में एसपी और आरएलडी प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के दौरान नोटों की बारिश हुई है...लेकिन इसबार नेता जनता पर पैसे नहीं लुटा रहे बल्कि जनता नेता पर पैसे लुटा रही है...दोनों वीडियो में एक ही जैसी प्रक्रिया है...फिलहाल चुनाव आयोग मामले को संज्ञान में लेकर जांच करा रहा है..
    कमल दीक्षित अजात शत्रु थे, वो किसी पर अविश्वास नहीं करते थे, सभी का आत्मीय भाव से स्वागत करते थे। ये बात वरिष्ठ कवि और आलोचक विजय बहादुर सिंह ने दस्तक की ओर से आयोजित गुरु-स्मरण संवाद में कही। विजय बहादुर सिंह ने कहा- कमल दीक्षित, वो कमल रहे, जो घिनौनेपन से ऊपर उठकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है। उन्होंने कमल दीक्षित को याद करने का मंत्र दिया- कमल दीक्षित को आदर्श की तरह याद कीजिए। संघर्ष की तरह याद कीजिए। उम्मीद की तरह याद कीजिए। मूल्य की तरह याद कीजिए। कमल दीक्षित को किसी कर्मकांड की तरह याद मत कीजिए। अगर कमल दीक्षित के शिष्य ऐसा कर पाएंगे तो ये स्मृतियां पाखंड नहीं रह जाएंगी, सार्थकता हासिल करेंगी।
    कमल दीक्षित अजात शत्रु थे, वो किसी पर अविश्वास नहीं करते थे, सभी का आत्मीय भाव से स्वागत करते थे। ये बात वरिष्ठ कवि और आलोचक विजय बहादुर सिंह ने दस्तक की ओर से आयोजित गुरु-स्मरण संवाद में कही। विजय बहादुर सिंह ने कहा- कमल दीक्षित, वो कमल रहे, जो घिनौनेपन से ऊपर उठकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है। उन्होंने कमल दीक्षित को याद करने का मंत्र दिया- कमल दीक्षित को आदर्श की तरह याद कीजिए। संघर्ष की तरह याद कीजिए। उम्मीद की तरह याद कीजिए। मूल्य की तरह याद कीजिए। कमल दीक्षित को किसी कर्मकांड की तरह याद मत कीजिए। अगर कमल दीक्षित के शिष्य ऐसा कर पाएंगे तो ये स्मृतियां पाखंड नहीं रह जाएंगी, सार्थकता हासिल करेंगी।
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