सर आपकी बात तो ठीक है… लेकिन कब तक ऐसा चलता रहेगा ?

सर आपकी बात तो ठीक है… लेकिन कब तक ऐसा चलता रहेगा ?

एस के यादव

सर आपकी बात तो ठीक है… लेकिन कब तक ऐसा चलता रहेगा ? ये सवाल वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने उस वक्त उठाया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले की निंदा की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दुःख जताते हुए लिखा-”ऐसे कायराना हमलों से भारत झुकाने वाला नहीं।” इस ट्वीट के बाद वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने सवाल उठाते हुए ट्वीट किया- “सर आपकी बात ठीक है, मगर ऐसा कब तक चलता रहेगा? आये दिन हमले होते रहते हैं, कहीं ऐसा न हो कि हमें फर्क पड़ना बंद हो जाए।” ऋचा अनिरुद्ध की तरह हज़ारों लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट पर ऐसी ही प्रतिक्रियाएं दी। अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया में लोगों की नाराज़गी देख सकते हैं।

लोगों की नाराज़गी का सामना होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह को भी करना पड़ा। ऑनलाइन ट्रेवल पोर्टल की एडिटर शुचि सिंह कालरा ने राजनाथ सिंह को आड़े हाथ ले लिया। राजनाथ सिंह के कश्मीरियत वाले ट्वीट पर सवाल करते हुए लिखा – “इस वक्त कौन कश्मीरियत की परवाह करता है? आप का काम तसल्ली देना नहीं है, इस वक्त आपको आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए। कायरों को घसीट कर लाओ और टांग दो।” महिला के ट्वीट पर होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह भड़क गए और जवाब देते हुए लिखा – “मिस कालरा, ये निश्चित रूप से मेरा काम है कि देश के सभी हिस्सों में शांति स्थापित हो। सभी कश्मीरी आतंकी नहीं हैं।” शुचि सिंह कालरा ने फिर लिखा- “सर, सभी कश्मीरी आतंकी नहीं हैं, लेकिन जो हैं, उन पर दया नहीं की जानी चाहिए। हम आपसे चाहते हैं कि कश्मीर को साफ कर दिया जाये।” हालांकि शुचि ने बाद में ट्वीट हटा लिया । उधर ट्रेवल पोर्टल ने शुचि सिंह कालरा के ट्वीट से दुरी बना ली और कालरा की ट्वीट से कोई सम्बन्ध नहीं होने की बात कही।

आतंकी हमले के बाद लोगों में गुस्सा है। ऐसे हमलों के बाद कई लोग चाहते हैं कि सरकार तुरंत पाकिस्तान पर हमला कर दे या कुछ ऐसा करे जिससे देश में ये सन्देश जाये कि सरकार पिछली सरकार से अलग है और आतंकियों के खिलाफ ढुलमुल रवैया नहीं रखती है। लेकिन जब ऐसा नहीं होते दिख रहा है तो देश की जनता ऐसे सवालों से सरकार को घेर रही है। आप सभी को याद होगा जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे तो अक्सर ऐसे ही सवाल उठाया करते थे। रैलियों में पूछते थे कि आखिर आतंकियों के पास हथियार कैसे पहुँच जाता है ? उनकी फंडिंग कौन करता है ? पाकिस्तानियों को भारत के अंदर कौन मदद कर रहा है ? इन सवालों से नरेंद्र मोदी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को घेरते थे। लेकिन अब नरेंद्र मोदी के उस वक्त के सवाल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हैं। जनता के सवाल तो अलग है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने ही सवालों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों से कैसे निपटेंगे वही जानते हैं।

इस बीच 12 जुलाई 2017 को नरेंद्र मोदी पर लिखी गई एक किताब के विमोचन पर संघ प्रमुख मोहन भगवत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए कोई काम असंभव नहीं है। मोदी ने देश का ठेका ले लिया है इसका निर्माण करेंगे। अब देखना है कि कश्मीर से आतंक का सफाया कब तक संभव होता है। कहीं ऐसा ना हो कि अगले दो साल तक बातों का पुलाव परोसा जाता रहे। हालाँकि पिछले एक साल में आतंकियों का सफाया करने के लिए कई कदम उठाये गए हैं। लेकिन ये भी सच है कि काफी संख्या में हमारे जवान भी शहीद हुए हैं।