मुजफ्फरपुर कांड के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरी बेटियां

मुजफ्फरपुर कांड के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरी बेटियां

बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर

बेटियों ने भरी हुंकार, नही सहेंगे अत्याचार।  बहुचर्चित  मुजफ्फरपुर बालिका  गृह यौन उत्पीड़न कांड और सरैया में एक मासूम बालिका की बलात्कार के बाद  भाई सहित उसकी हत्या कर दिए जाने  के विरोध में पहली बार शहर की बेटियों ने सड़क पर उतर कर अपने आक्रोश का इजहार किया।  1 अगस्त को इस घटना के विरुद्ध छात्र – छात्राओं  ने प्रदर्शन किया आधे दर्जन जगहों पर कैंडिल मार्च और प्रतिवाद जुलूस निकाला गया। एल एस कालेज की छात्र – छात्राएं भी सड़क पर उतरीं।

महंत दर्शन दास महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने झमाझम बारिश की परवाह किए बिना चार किलोमीटर पैदल मार्च करते हुए आम नागरिकों को यह  संदेश दिया कि वे सभी जाति, धर्म और दलगत भावनाओं  से ऊपर उठ कर इस दरिंदगी के खिलाफ एकजुट हों ताकि इस घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई  जा सके। बालिका गृह यौन उत्पीडन कांड से सांस्कृतिक राजधानी कहा जाने वाला मुजफ्फरपुर शर्मसार हुआ है।

सफेदपोशों से लेकर अधिकारी तक की इस घटना में संलिप्तता की बात उजागर होने के बाद पूरे प्रदेश सहित मुजफ्फरपुर में उबाल है। इसी घटना के विरोध में एमडीडीएम कालेज एवं अन्य स्कूल कालेज की छात्राओं  के साथ लेखक – साहित्यकार, रंगकर्मी , बुद्धिजीवी , सामाजिक और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता इस प्रतिवाद मार्च में सड़क पर उतरे। छात्र संगठन की अध्यक्ष  सोनाली , स्वर्णिम चौहान, आकृति वर्मा और चेतना आनन्द के नेतृत्व में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम साढे पांच बजे एमडीडीएम कॉलेज के गेट से  यह प्रतिवाद मार्च शुरू हुआ जो जिला स्कूल पानीटंकी , हरिसभा , छोटी कल्याणी होते हुए कल्याणी चौक पर पहुंचा। छात्राएं अपने हाथ में तख्तियां लिए  ‘ नहीं सहेंगे अत्याचार ,बालिका गृह को यातनागृह बनाना बंद करो , जिला प्रशासन डूब मरो  , सरैया में बालिका के हत्यारे को फांसी दो आदि नारे लगा रहीं थीं।

इस प्रतिवाद मार्च में एम डीडीएम की प्राध्यापिका ,साहित्यकार डाक्टर पूनम सिंह , एआईडीएसओ के विजय कुमार , शिवकुमार डीवाईओ के अरविंद कुमार, एसयूसीआई ( सी ) के जिला सचिव अर्जुन कुमार, सीपीआई माले के डाक्टर शिवप्रिय, रमेश चंद्र , बीआरबीए बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाक्टर रवीन्द्र कुमार रवि, डाक्टर मंजरी वर्मा, डाक्टर भारती सिंह, डाक्टर वीरेन नन्दा , संजीत किशोर , अंकित आनन्द ,रमेश ऋतम्भर , रंगकर्मी मनोज कुमार वर्मा , शशिकांत झा , कवयित्री पंखुरी सिन्हा , मुजफ्फरपुर सर्वोदय विकास मंच के तारकेश्वर मिश्र ,  समान शिक्षा आंदोलन से जुडे कार्यकर्ता कुंदन कुमार ,अजय कुमार सिंह आदि शामिल थे।

शहर के व्यस्ततम इलाका , कल्याणी चौक पर  डाक्टर पूनम सिंह , सोनाली ,स्वर्णिम चौहान और चेतना आनन्द  और आकृति वर्मा ने मार्च में शामिल लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड और सरैया की घटना  मुजफ्फरपुर की अबतक की शर्मनाक घटना है। इसने सफेदपोश राजनेताओं और अधिकारियों का असली चरित्र उजागर कर दिया है। बेटी पढाओ ,बेटी बचाओ और महिला सशक्तीकरण की आड़ में महिलाओं पर अत्याचार बढता जा रहा है। जिस बालिका आश्रयगृह में अनाथ बालिकाओ को संरक्षण देने और उन्हें मुख्य धारा मे शामिल करने की बात कही जा रही थी वहां ऐसा घृणित कारनामा कोई भी सभ्य समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता। शहर के तमाम नागरिकों को चाहिए कि ऐसी  घटनाओं की पुनरावृति न  हो और दोषियों को कड़ी  से कड़ी सजा मिले, इसके लिए वे अपनी चुप्पी तोंड़ें और सड़क पर उतरें।