लगता है इंसानियत का खेत बंजर हो गया

लगता है इंसानियत का खेत बंजर हो गया

बदलाव प्रतिनिधि, ग़ाज़ियाबाद

26 अगस्त ’ 2018रविवारवैशाली,गाजियाबाद।  प्रेम सौहार्द भाई चारे पर गीतों कविताओं और गजलों से परिपूर्ण पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की 47वीं साहित्य गोष्ठी वैशाली सेक्टर चारस्थित हरे भरे मनोरम सेंट्रल पार्क में सम्पन्न हुई। गोष्ठी में कवि कुल से राजनीति की शिखर तक पहुंचे अटल बिहारी बाजपेयी जी को विनम्र काव्यात्मक श्रद्धांजलि दी गयी ।

पेड़ों की छांव तले रचना पाठ की 47वीं काव्य गोष्ठी

काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे वरिष्ठ कवि डॉ राधेश्याम बंधु ने अपना सामयिक गीत पढ़ा “अब शराफतप्यार की फसलें / यहां उगती नहीं / लगता है इंसानियत का खेत बंजर हो गया “ । कवि डॉ राजीव कुमार पाण्डेय ने पढ़ा “ पीड़ा देख विकल होता है / समस्याओं का हल होता है / राष्ट्र वेदना जिसकी साथी/ उसका नाम अटल होता है “। कवि डॉ केशव प्रसाद पाण्डेय ने पढ़ा “बहुत हो गईं अब बातें / चलो चलें सीमाओं में /बहुत हो गईं अब बातें/ चलो चलें कुछ कर दिखलायें /बहुत हो गईं अब बातें।” 
कवि डॉ ईश्वर सिंह तेवतिया ने पढ़ा “ ऐसे क्रूर पिशाचों पर तब, / कसे हुए बन्धन रहने दो / शीशम को शीशम रहने दो, चन्दन को चन्दन रहने दो । नवोदित निधि गौतम ने रचना पढ़ी “ पल पल टाल रही थीमौत को ये जिंदगी।/ अटल जी की अटल ये ख़ूबसूरत जिंदगी।। कवि गजलकार अशोक मुसाफिर ने कहा “मुझे तेरे चमन से अब तो प्यार होने दे,/तुझे  मेरे  चमन  पे  ऐतबार   होने  दे। दिया है पाल मुझे माँ ने दुःख उठा करके/  मुझे  माँ  के  लिए तो  बेक़रार  होने दे।
कवि अवधेश सिंह ने संयोजन और मंच संचालन के साथ पढ़ा “भाई बहन को जोड़ता, राखी का त्योहार / हर उपमा से है बड़ा , ये अनुपम उपहार । देर शाम तक चली गोष्ठी में प्रेम सौहार्द भाई चारे” पर गीतोंकविताओं और गजलों ने कविता को नयी बुलंदियों से स्पर्श कराया। अन्य कवियों में वरिष्ठ कवि सनातम शास्त्री ,अशोक मुसाफिर रामचंद्र जोगेश्वरडॉ देवेन्द्र कुमार देवेश डॉ कृष्ण मोहन उपाध्याय, ब्रह्म प्रकाश वशिष्ठ व यक्षिता सिंह ने भी कवितायें पढ़ीं ।  

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ आलोचक कवि डॉ वरुण कुमार तिवारी का 71 वां जन्म दिन, पुष्प गुच्छ व शॉल भेंट कर मनाया गया तथा मॉरीशस में सम्पन्न हुए 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन से भाग लेकर लौटे कवियों कृमशः डॉ ईश्वर सिंह तेवतिया और डॉ देवेन्द्र कुमार देवेश का विशेष स्वागत किया गया।

इस अवसर पर परिंदे पत्रिका के संपादक टीपी चौबे व पार्षद प्रतिनिधि एस.के भारद्वाज की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही। श्रोताओं में श्री राजदेव प्रसाद सिंह शत्रुघ्न प्रसाद एसपी चौधरी सुमित देव नागर रतन लाल गौतमसीएम झा अनीता पंडित अनीता सिंह  आदि प्रबुध श्रोताओं ने रचनाकारों के उत्साह को बढ़ाया ।