माय वेलेंटाइन, माय विलेज…. बदलाव की नई मुहिम

माय वेलेंटाइन, माय विलेज…. बदलाव की नई मुहिम

टीम बदलाव 

गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर-6 में लंबे अरसे बाद 11 फरवरी की सुबह 10 बजे बदलाव की मीटिंग हुई। इस बैठक में कुछ साथियों ने व्हाट्स एप ग्रुप के जरिए अपनी हाजिरी दर्ज कराई तो कुछ निजी तौर पर इसमें शामिल हुए। मीटिंग सेक्टर-6, वैशाली के एस-4, 183 में हुई। ये आवास सुभाशीष डे का है, जिन्होंने फिलहाल कुछ दिनों तक इस जगह को बदलाव की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी है।
साथी सत्येंद्र कुमार यादव ने #MYVALENTINEMYVILLAGE हैशटैग से सोशल मीडिया पर एक अभियान का प्रस्ताव रखा। इस अभियान के तहत सभी साथी अपनी गांव की तस्वीर थोड़े से ब्योरे के साथ साझा करेंगे और अपने 5 साथियों को ऐसा करने का न्योता भी देंगे।
माय वेलेंटाइन, माय विलेज कड़ी में ही एक आयोजन जौनपुर में भी किया जा रहा है। साथी अरुण प्रकाश ने इस आशय का प्रस्ताव रखा। 17 फरवरी 2018, शनिवार के दिन एक बजे जौनपुर जिले के सिरकोनी ब्लॉक के सेहमलपुर गांव में एक कार्यशाला का आयोजन होगा। ये कार्यशाला ‘फूलों की खेती कैसे करें’ विषय पर हो रही है। कार्यक्रम में बतौर एक्सपर्ट रवि पाल शिरकत करेंगे। ‘मास्टर्स इन फ्लावर’ के नाम से अपनी अलग पहचान बना चुके रवि पाल खास कर इसी वर्कशॉप के लिए  मैनपुरी से सेहमलपुर आ रहे हैं। बदलाव की स्थानीय टीम के संयोजक एसपी यादव, विजय प्रकाश  और डॉक्टर हरिप्रकाश इस कार्यक्रम के संचालन के लिए जरूरी इंतजामों में जुट गए हैं। आप इस आयोजन के संदर्भ में बजे आप अरुण प्रकाश (9971645155), एसपी यादव ( 8115893763) , विजय प्रकाश (7355477590) और डॉक्टर हरिप्रकाश (9918050575) से भी संपर्क कर सकते हैं।
टीम बदलाव की इस बैठक में होली मिलन कार्यक्रम को लेकर भी चर्चा की गई। मार्च की शुरुआत में बच्चों के इम्तिहान होने की वजह से इस बार का होली मिलन कार्यक्रम 2017 की तरह वृहत स्तर पर नहीं किया जा रहा है। हालांकि एक प्रस्ताव ये भी आया है कि बदलाव के साथी होली के दिन टोलियों में एक-दूसरे के घर पहुंचे और गुजिया का आनंद उठाएं।
इसके अलावा वैशाली में बदलाव बाल क्लब और ढाई आखर फाउंडेशन की साझा गतिविधियों के लिए एक स्थायी सेंटर के सिलसिले में भी बातचीत हुई। संदीप शर्माजी ने विपुलजी से बात की। जल्द ही ये स्पेस उपलब्ध हो जाएगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। वहीं संस्था के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रशासनिक अधिकारी और संस्था के शुभचिंतक प्रशांत यादव जी से बात की गई, उन्होंने कागजी कार्रवाई के लिए सुझाव दिए। किसी साथी को इस बाबत थोड़ी सक्रियता दिखाते हुए, रजिस्ट्रेशन के संदर्भ में पहल करनी होगी।
संस्था में फंड की कमी को लेकर भी बातें हुईं। साल 2017 में वेबसाइट के रिन्युअल और स्पेस के लिए करीब 8,991 रुपये खर्च किए गए। इसमें सहयोग के तौर पर अभी तक अरुण प्रकाश- 1000 रुपये, पशुपति शर्मा-1000 रुपये और सत्येंद्र यादव- 500 रुपये की सहयोग राशि प्राप्त हुई है। साथियों से अपील की गई है कि संस्था के स्थायी फंड की दिशा में भी पहल करें।