“पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की 40वीं साहित्य गोष्ठी सम्पन्न

“पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की 40वीं साहित्य गोष्ठी सम्पन्न

बदलाव प्रतिनिधि

28 जनवरी’ 2018, रविवार, वैशाली,गाजियाबाद। “68वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर देश भक्ति व सामाजिक सौहार्द ” पर गीतों , कविताओं और गजलों से परिपूर्ण “पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की 40वीं साहित्य गोष्ठी वैशाली सेक्टर चार, स्थित हरे भरे मनोरम सेंट्रल पार्क में सम्पन्न हुई। हिन्दी साहित्य से संबन्धित अभिनव प्रयोग की यह शृंखला प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार ही शरद ऋतु में मध्यान्ह पूर्व 2 .30 बजे से प्रारंभ हुई। देर शाम तक चली गोष्ठी को “देश भक्ति व सामाजिक सौहार्द के विषय में रची बसी कविताओं ने नयी बुलंदियों से स्पर्श कराया।

गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर से पधारे कहानीकार व ओजस्वी कविताओं के सशक्त हस्ताक्षर बृजेन्द्र नाथ मिश्र सहित वरिष्ठ कवि नीरद “जनवेणु”, के एम उपाध्याय, डॉ वरुण कुमार तिवारी , प्रमोद मनसुखा, परमजीत यादव “कमदिल”, केशव प्रसाद पाण्डेय, पत्रकार अमर आनंद , डॉ मृत्युञ्जय साधक, डॉ अंजु सुमन साधक, नवीन चंद्र मिश्रा , पूनम मिश्रा सहित संयोजक कवि अवधेश सिंह ने कवितायें पढ़ीं।

इस अवसर पर सर्व परिंदे पत्रिका के संपादक टी पी चौबे व कहानी कार मनीष सिंह सहित कई साहित्य प्रेमियों की उपस्थिती विशेष उल्लेखनीय रही। श्रोताओं में श्री राजदेव प्रसाद सिंह , शत्रुघ्न प्रसाद , एस पी चौधरी , दयाल चंद्र , कपिल देव नागर , दमयंती व शैली आनंद , उमाशंकर प्रसाद गुप्त , आर पी सिंह आदि प्रबुध श्रोताओं ने रचनाकारों के उत्साह को बढ़ाया। गोष्ठी के समापन पर आभार व्यक्त करते हुए इस संयोजक कवि लेखक अवधेश सिंह ने निरंतरता बनाए रखने का अनुरोध करते हुए सबको धन्यवाद दिया।