‘ईमानदार डीएम’ के आवास पर CBI छापा

‘ईमानदार डीएम’ के आवास पर CBI छापा

सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर ठेकेदार और जूनियर अधिकारियों को डांटते हुए।

साल 2014 में वो तस्वीरें खबरों में छा गई थीं। एक डीएम की ईमानदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की चर्चा ना सिर्फ टीवी पर बल्कि अखबारों की सूर्खियां थीं। लोग पूछने लगे थे आखिर ये कौन है ? कौन है जो बुलंदशहर में भ्रष्टाचारियों को नकेल डाल रही है ? कौन है जिससे जूनियर अधिकारी भी डरते हैं? कहां की है ? कैसे है ? तमाम बातें हो रही थीं । सड़क निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर वो भड़की थी और सरकार को लूटने वालों को चेतावनी देने वाली वो बी चंद्रकला ही थी, बुलंदशहर की डीएम । तेज तर्रार जिलाधिकारी जिसका नाम जिले की सीमाओं से बाहर भी चर्चा में था । सिर्फ काम को लेकर ही नहीं बी. चंद्रकला की खूबसूरती की भी चर्चा होने लगी । और यही वजह है कि IAS बी चंद्रकला की फैन फॉलोइंग बढ़ने लगी । एक समय तो ऐसा आया कि फेसबुक पर तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव की फैन फॉलोइंग से ज्यादा बी. चंद्रकला के फैंस हो गए ।

IAS बी. चंद्रकला

बी. चंद्रकला जो भी काम करती वो कैमरे में कैद हो जाती थी । या यूं कहें जहां भी जाती थीं स्थानीय मीडिया के लोग वहां मौजूद रहते थे । जब वो बिजनौर में थीं तो वहां एक सरकारी स्कूल में गई थीं । पहले तो बच्चों से कुछ पूछा लेकिन जवाब नहीं मिला तो शिक्षक की क्लास लेने लगी और दो-चार खरी-खोटी सुनाने के बाद चलीं आईं । कभी स्कूल के हॉस्टल में छात्रों की समस्याओं की सुनवाई सड़क पर करती दिखीं तो कभी मीटिंग में ये कहती सुनी गईं कि भ्रष्टाचार करते आप लोगों को शर्म नहीं आती । अक्सर भ्रष्टाचार के आरोपियों को लताड़ते देखी जाती रहीं । साल 2014 के बाद से 2017 तक इनके कई रूप देखने को मिले। कभी अस्पताल में मरीजों के दुख में … तो कभी स्कूली बच्चों को मिड डे मिल देते हुए। अचानक कहीं भी कार्रवाई करने पहुंच जाना इनकी पहचान थी । और इसी तरह बी. चंद्रकला ने अपनी ईमानदारी की दुनिया बसाई थी । लोगों की नजर में एक महान डीएम, तेज तर्रार जिलाधिकारी और एक ईमानदार अधिकारी की छवि गढ़ने में ये कामयाब हो गईं । लेकिन जैसे ही सरकार बदली तत्कालीन सीएम अखिलेश की चहेती डीएम का तबादला सीएम योगी ने कर दिया । यही नहीं साल 2017 में जब इनकम के साधन के बारे में पूछा गया तो बी.चंद्रकला ने कोई जवाब नहीं दिया ।

IAS बी. चंद्रकला

हालांकि 2012 में जब ये हमीरपुर में तैनात थीं तो बहुत चर्चे नहीं होते थे । 5 जनवरी 2019 की सुबह जब सीबीआई की छापेमारी हुई तो बी.चंद्रकला की ईमानदारी सवालों के घेरे में आ गई । जिस जिले में इन्होंने चुप चाप काम किया था उसी जिले में अवैध खनन के मामले में लखनऊ के आवास पर सीबीआई ने छापा मारा। आरोप है कि साल 2012 में हमीरपुर में 50 मोरंग खनन के पट्टे को देने में गड़बड़ी की गई है । इस मामले में तत्कालीन डीएम बी.चंद्रकला भी आरोपी हैं । मामला कोर्ट में चल रहा था। सीबीआई को जांच करने को आदेश मिला था । तथाकथित घपले के 6 साल बाद सीबीआई एक्शन में दिखी और लखनऊ के बी चंद्रकला के फ्लैट में छापेमारी की । बताया तो ये भी जा रहा है कि पिछले दो साल में बी.चंद्रकला की संपत्ति 90 फीसदी बढ़ी है, लेकिन सच क्या है ये सीबीआई जल्द जांच कर सामने लाएगी ।
सीबीआई की कार्रवाई के बाद आईएएस बी. चंद्रकला समेत कई एसपी और बीएसपी नेताओं के होश उड़े हैं । बताया जा रहा है कि बीएसपी नेता सत्यदेव दीक्षित और समाजवादी पार्टी नेता रमेश मिश्रा के खिलाफ सीबीआई को कई महत्वपूर्ण सबूत भी मिले हैं । सीबीआई की टीम 5 जनवरी को करीब 16 लोकेशन पर छापेमारी की । यूपी के हमीरपुर से MLC हैं रमेश मिश्रा ।

आईएएस बी. चंद्रकला के खिलाफ सीबीआई ने धारा 120-बी R/W धारा 379, 384, 420, 511 आईपीसी और धारा 13 (2) R/W धारा 13 (1) (डी) के तहत मामला दर्ज किया है । फिलहाल बी चंद्रकला की तत्काल गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं छापेमारी में तत्कालीन क्लर्क राम अवतार सिंह से 2 किलोग्राम सोना और 2 करोड़ रुपये नकद बरामद किये हैं । पूर्व खनन अधिकारी मोइनुद्दीन से 1.8 किलोग्राम सोना और 12.5 लाख रुपए नकदी बरामद की गई है। इस मामले में करीब 12 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की रोकथाम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बी. चंद्रकला यूपी काडर की 2008 बैच की आईएएस हैं । ये मूलत: तेलंगाना की रहने वाली हैं । ये 2018 में साध्वी निरंजन की सचिव भी रही हैं । 2017 में जल संसाधन मंत्रालय से भी इन्हें जोड़ा गया था । राजनीतिक हलकों में इस कार्रवाई पर हो रही चर्चाओं पर नजर डालें तो एसपी, बीएसपी के लोग इसे बदले की कार्रवाई मान रहे हैं तो वहीं सरकार के लोग इसमें और बड़े लोगों के नाम आने की चर्चा कर रहे हैं । अब देखना होगा कि 2012 के इस मामले को सीबीआई जल्द से जल्द हल निकालती है या जांच ऐसे ही चलती रहेगी ।

हालांकि सच ये है कि चाहें पहले की सरकारें हों या वर्तमान की सरकार, खनन के प्रजापतियों पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है । आज भी बांदा, हमीरपुर जैसे जिलों में अवैध खनन का कारोबार जारी है । जनता को दिखाने के लिए कुछ लोगों पर कार्रवाई का ढ़ोंग किया जाता है लेकिन किसी को अभी तक सजा नहीं हो पाई है । ऐसे मामलों को सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया है । उम्मीद कीजिए सीबीआई राज्य का राजस्व लूटने वालों को सजा दिलाने में कामयाब होगी ।


– एस के यादव, टीवी पत्रकार