अतुल चौरसिया को प्रथम ‘पीपी सिंह नेशनल जर्नलिज्म अवार्ड’

भोपाल, 8/10/2023। पुष्पेन्द्र पाल सिंह एक आर्गेनिक शिक्षक थे, जो अपने छात्रों के साथ क्लासरूम के बाहर भी पठन—पाठन की

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गांवों में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का संसार

बरुण के सखाजी सीमित संसाधन, प्रचुर व्यावसायिकता के अभाव के बावजूद व्यापक दर्शक वर्ग से बात करता छत्तीसगढ़ी फिल्मों का

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गांव की फिल्म मेकर ने जीता अवॉर्ड

रुपेश गुप्ता करीब डेढ़ साल पहले की बात है। छत्तीसगढ़ की मैनपाट और मांझी जनजाति अचानक सुर्खियों में आ गई।

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तुम्हारी जात क्या है, तुम क्या समझोगे?

प्रशांत दुबे किसी के इंतजार में खटलापुरा मंदिर में बैठा था| एक पढ़े-लिखे, सूट-वूट वाले भाईसाहब चार चके से उतरे,

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ट्रैक्टर बिक्री में सबसे तेज बढ़ते राज्य की दुर्दशा

शिरीष खरे साल 2014 में अकेले मध्य-प्रदेश के किसानों ने 88 हजार ट्रैक्टर खरीदे थे। तब सूबे में 32 प्रतिशत

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‘भूमिका’ ने मीडिया से ज़्यादा उर्वर ज़मीन तलाश ली

किसानों और सरकारों का रिश्ता अजीब सा रहा है। सरकारें  योजनाएं बनाती हैं, खूब पैसा बहाती हैं, लेकिन न जाने

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