मन्नू भायजी आप हंसते हुए हमें उदासी में छोड़ गए
पुष्यमित्र आप चले गये, बहुत दुख हुआ। मगर उससे भी अधिक दुख इस बात का हुआ कि आप बिना कुछ
पुष्यमित्र आप चले गये, बहुत दुख हुआ। मगर उससे भी अधिक दुख इस बात का हुआ कि आप बिना कुछ
राणा यशवंत के फेसबुक वॉल से साभार आप जब कुछ करते हैं तो अपने स्वभाव,संस्कार और इंसानियत के नाते करते
राणा यशवंत के फेसबुक वॉल से साभार जिंदगी और मौत के बीच बस एक बारीक लकीर होती है, जैसे भरोसे
दयाशंकर मिश्र दूसरों के बातों को दोहराने से पहले उन पर विवेकपूर्ण दृष्टि ठीक वैसे ही है, जैसे सड़क पर
पीएम के नाम अक्षय विनोद शुक्ल की पाती माननीय प्रधानमंत्री जी, वैसे तो पहले ही बहुत देर हो चुकी है,
राणा यशवंत के फेसबुक वॉल से साभार सुबह के साढे आठ बज रहे थे. फोन उठाया तो लरजती सी आवाज
रमेश रंजन सिंह आज मेरे सिर से पिताजी का साया हमेशा के लिए उठ गया। कोरोना ने पापा को हमसे
दयाशंकर मिश्र जीसस ने जहां शिक्षा पाई, उस जगह का नाम इसेनीस था. इसेनीस का अर्थ है, धैर्य रखने वाले.
सुजीत कुमार मिश्रा महाराष्ट्र का पुणे शहर जो इन दिनों कोरोना के हॉटस्पॉट की वजह से सुर्खियों में है, ऐसे
दयाशंकर मिश्र आज में आते ही कल बासी हो जाता है. एक और दूसरा कल, जिसकी अभी छाया भी नहीं